लॉकडाउन के बाद पति से मिलने पर पत्नी की भावनाओं पर लिखी गयी ( Pati Patni Prem Kavita ) पति पत्नी प्रेम कविता “साथ चलेंगे कदम कदम ”

पति पत्नी प्रेम कविता

पति पत्नी प्रेम कविता

बड़े दिनों के बाद,
मैं आई हूँ आपके पास
संग मोरे झूमे सारी धरती
और सारा आकाश।

मैं तो थी बच्चों के पास,
फिर भी मन था बड़ा उदास,
चिंता थी कि होंगे कैसे
मेरे प्राण नाथ।

कैसे कहूँ मैं बिना आप के,
कैसा जीवन जीती थी।
बेटी थी, दामाद भी थे
नातिन से घर पूरा था।
सब सुख था पर मन ये मेरा
आपके बिना अधूरा था।

आज आप को देख सकूँ,
शुभ मुहूर्त अब आया है।
मेरे बिन तो आपकी भी,
अधूरी हो गई काया है।

बहुत बड़ी है सीख मिली,
अब नाते रिश्ते और नहीं।
आपके बिन ना जाऊँगी,
ईक पल को भी और कहीं।

साथ साथ रहेंगे हर दम,
साथ चलेंगे कदम कदम।
दूर नहीं होने देंगें,
आपको अगले सात जनम।

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विनय कुमार (भूतपूर्व सैनिक )यह कविता हमें भेजी है विनय कुमार (भूतपूर्व सैनिक ) जी ने बैंगलोर से।

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