हर वर्ष 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए सबको जागरूक करने के लिए पृथ्वी दिवस का आयोजन किया जाता है। पृथ्वी दिवस की स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप की थी। अब इसे 192 से अधिक देशों में प्रति वर्ष मनाया जाता है। आइये पढ़ते हैं इसी दिवस को समर्पित पृथ्वी दिवस पर कविता ( Poem On Earth Day In Hindi )
पृथ्वी दिवस पर कविता
ये धरा हमारी माता है,
नमन इसे है बारंबार।
इसकी सेवा करने से ही
बचा रहेगा यह संसार।
कितने ग्रह नक्षत्र हैं जग में
कहीं नहीं है जीवन यार।
जल,जीवन, हरियाली,मौसम
सब में है इस माँ का प्यार।
इसने हम सब को पाला ,
संसाधन भी दिया अपार।
जिसके बल पर हमलोगों ने
फैलाया अपना व्यापार।
पर हमने उन्नति के चक्कर में,
कर दिया इसी का बंटाधार।
जंगल काटा, बाँध बनाया,
प्रदूषण का किया प्रसार।
संभल जाओ हे मानव अब कहीं,
क्रोध न बन जाए इनका प्यार।
कुछ कदम उठाओ जल्द,
नहीं तो, कर देंगी सबका संहार।
अब तक देख रहे थे हम सब,
कहीं बाढ़ तो कहीं सुखाड़।
फिर भी ना मानें तो देखो,
‘करोना’ भी है अब तैयार।
माँ की ममता बनी रहे,
इसकी रक्षा का करो विचार।
आओ ‘पृथ्वी दिवस’ मनाएं,
जन-जन तक ये करें प्रचार।
पर्यावरण की रक्षा करें ,
प्रदूषण पर सब करें प्रहार।
इनकी रक्षा का प्रण लेकर
प्रकट करें हम सब आभार।
पढ़िए :- पेड़-पौधों पर कविता “अब पेड़ लगाओ”
यह कविता हमें भेजी है विनय कुमार (भूतपूर्व सैनिक ) जी ने बैंगलोर से।
“ पृथ्वी दिवस पर कविता ” ( Prithvi Par Kavita In Hindi ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
धन्यवाद।
Great massage
Hidden this poem
With great words thanks air