शिक्षक का पद जीवन में ईश्वर से भी बड़ा होता है। वही हमें ईश्वर का बोध कराता है। आइये पढ़ते हैं उसी शिक्षक के सम्मान में शिक्षक के ऊपर कविता “शिक्षक ईश सामान है” :-

शिक्षक के ऊपर कविता

शिक्षक के  ऊपर कविता

शिक्षक ईश समान है, कर गुरु का सम्मान।
अक्षर अक्षर जोड़ कर,बाँटे जो नित ज्ञान।
बाटे जो नित ज्ञान,शिष्य को योग्य बनाते।
ज्ञान ज्योति ले हाथ,सदा सत राह दिखाते।
मात पिता भगवान,बने बच्चों का रक्षक।
नमन करें सौ बार,ब्रम्ह का रुप है शिक्षक ।।

गुरुवर तुमको है नमन, चरणों में शत बार।
झोली भरदो ज्ञान से, मैं मति मंद गँवार।
मैं मति मंद गँवार,चरण में हमको लेना।
उर में भर दो ज्ञान,उज्जवल राहें देना ।
हो मेरे भगवान, मात पितु हो तुम दिनकर।
शत शत बार प्रणाम, चरण में मेरे गुरुवर।।

गुरुवर ब्रम्हा रूप है,गुरु ही विष्णु महेश।
भवसागर से तारते, हरे शिष्य के क्लेश।
हरे शिष्य के क्लेश,गुरूवर है सुख दाता।
दिखलाते सद् राह,बनकर भाग्य विधाता।
दया धर्म उपकार,सिखाते हैं वो प्रभुवर।
शीश धरूँ नित पाँव, नमन है मेरे गुरुवर।।

पढ़िए :- शिक्षक दिवस के लिए कविता “शिक्षक दिवस की मंगल कामना”


रचनाकार का परिचय :-

श्रीमती केवरा यदु " मीरा "यह कविता हमें भेजी है श्रीमती केवरा यदु ” मीरा “ जी ने। जो राजिम (छतीसगढ़) जिला गरियाबंद की रहने वाली हैं। उनकी कुछ प्रकाशित पुस्तकें इस तरह हैं :-
1- 1997 राजीवलोचन भजनांजली
2- 2015 में सुन ले जिया के मोर बात ।
3-2016 देवी गीत भाग 1
4- 2016 देवीगीत भाग 2
5 – 2016 शक्ति चालीसा
6-2016 होली गीत
7-2017 साझा संकलन आपकी ही परछाई।2017
8- 2018 साझा संकलन ( नई उड़ान )

इसके अतिरिक्त इनकी अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें इनकी रचनाओं के लिए लगभग 50 बार सम्मानित किया जा चुका है। इन्हें वूमन आवाज का सम्मान भी भोपाल से मिल चुका है।
लेखन विधा – गीत, गजल, भजन, सायली- दोहा, छंद, हाइकु पिरामिड-विधा।
उल्लेखनीय- समाज सेवा बेटियों को प्रशिक्षित करना बचाव हेतु । महिलाओं को न्याय दिलाने हेतु मदद गरीबों की सेवा।

“ शिक्षक के ऊपर कविता ” ( Shikshak Ke Upar Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

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धन्यवाद।

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