आप पढ़ रहे हैं 26 जनवरी की कविता :-
26 जनवरी की कविता
छब्बीस जनवरी उन्नीस सौ पचास
भारत गणतंत्र हुआ था।
अपना राजा चुनने को,
हर नर स्वतंत्र हुआ था।।
गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व है
जिसपर हर भारतीय को गर्व है।
छब्बीस जनवरी उन्नीस सौ पचास,
संविधान से मिला ये महापर्व है।।
संविधान हर भारतवासी
की आँखों का तारा है।
केवल भारत में ही नहीं,
वो विश्व में सबसे न्यारा है।।
नमन उन वीर शहीदों को
जिसने देश से प्यार किया।
देश की खातिर जीवन अपना
हँसकर जिन्होंने वार दिया।।
संविधान पिता के बलिदान
और वीरों की शहादत याद करो।
हिन्दू मुस्लिम कह कहकर,
ना देश को यूँ बर्बाद करो।।
हर भारतीय की आन है
हर भारतीय की शान है।
“हरदीप” अथक प्रयासों से,
मिला हमें संविधान महान है।।
पढ़िए :- गणतंत्र दिवस पर कविता | एक शहीद की आवाज
रचनाकार का परिचय
यह कविता हमें भेजी है हरदीप बौद्ध जी ने गाँव अखत्यारपुर जिला बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) से।
“ 26 जनवरी की कविता ” ( 26 January Ki Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
- हमारा फेसबुक पेज लाइक करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
धन्यवाद।
Leave a Reply