आप पढ़ रहे हैं 26 जनवरी पर हिंदी कविता :-

26 जनवरी पर हिंदी कविता

26 जनवरी पर हिंदी कविता

छब्बीस जनवरी उन्नीस सौ पचास,
पावन दिवस हुआ वो जग में खास,
देश में जब लागू हुआ था संविधान,
कानून बने सबके समान सम्मान खास।।

दिये जिसमें हर जन को मूलभूत अधिकार,
मतदान देकर चुने लोकतांत्रिक सरकार,
मूल कर्तव्यों से सज्जित किया भीम ने,
हमारे संविधान को कड़े संघर्ष संग तैयार।।

सबका समान रूप से रखा इसमें ध्यान,
हैं संविधान मानवीय गुणों की ज़रा खान,
जाति धर्म पंथ निरपेक्षता समाजवादी,
और बनाया समतामूलक यह संविधान।।

पाखंड अंधविश्वास और अंधश्रद्धा से मुक्त,
किया समानता को सबके लिये प्रयुक्त,
ज्ञान,विज्ञान,तकनिक में बनाने अव्वल,
किया वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रयुक्त।।

गण को माना तंत्र में संविधान ने प्रमुख,
है सार संविधान का ज़रा पढ़ो आमुख,
हैं लचीला और है यह ज़रा कठिन नर,
जो आता है काम हमारे हर सुख-दुःख।।

कहे लेखनी से कलमकार सदा भूताराम,
संविधान निर्माता भीम को शत शत सलाम,
गणतंत्र गण का रहे सदा यहाँ तंत्र नर,
और चले यह भारतीय संविधान अविराम।।

पढ़िए :- गणतंत्र दिवस पर कविता | भारत गणतंत्र हुआ


रचनाकार का परिचय

मास्टर भूताराम जाखल जी

यह कविता हमें भेजी है मास्टर भूताराम जाखल जी ने सांचोर, जालोर ( राजस्थान ) से।

“ 26 जनवरी पर हिंदी कविता ” ( 26 January Par Hindi Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

Leave a Reply