भारत देश की महिमा का गुणगान करती हुयी सूरज कुरैचया जी द्वारा रचित ( Bharat Desh Par Kavita ) भारत देश पर कविता ” मेरा भारत देश अनोखा है ” :-

भारत देश पर कविता

भारत देश पर कविता

मेरा भारत देश अनोखा है
सोने की चिड़ियां कहलाता हैं।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख ,ईसाई
सबके हृदय को यह भाता है।।

दिवाली के पावन पर्व पर
मुस्लिम भी दीप जलाता है।
ईद में हिन्दू सच्चे दिल से
मुस्लिम को गले लगाता है।।

इस देश में सभी अतिथि को
दर्जा देते है अपने भगवान का।
यह स्वागत का कीमती क्षण
होता है मानव के इम्तिहान का।।

होली में यहां रंग लगाकर
दुश्मनी को प्रेम से देते मात।
शत्रुता कि रात होती व्यतीत
मित्रता की पुनः होती प्रभात।।

भारत देश के रहने वाले
सुख दुःख में एक होते हैं।
भले भाषाएं,रंग,रूप और
संस्कृतियां अनेक होते हैं।।

दादा दादी नन्हे बच्चों को
सुनाती है मधुर कहानियां।
यौवन के पड़ाव में पास उनके
होती हैं प्रेरित निशानियां।।

मेरे देश की है अनमोल धरोहर
जिसको हम कहते है ताज।
प्रेम के प्रतीक को जो देखता
सुखद होता है उसका आज।।

भारत की धरती पर जन्मे है
बुद्ध, कृष्ण और श्री राम।
ब्यथित क्षणों में मिटटी छूकर
उर से करते उनको प्रणाम।।

श्रवण कुमार ने यही सिखाया
करना मात पिता की पूजा।
विपरीत परिस्थितियों में तुमको
हरा सकेगा न कोई दूजा।।

यहां एकलव्य भी अभ्यास की
दे कर गए अति उत्तम मिसाल।
कुछ करने का गर हो जुनून
तो अज्ञानी भी करता है कमाल।।

पढ़िए :- हिंदी कविता ” हम भारतवासी “


नमस्कार प्रिय मित्रों,

सूरज कुरैचया

मेरा नाम सूरज कुरैचया है और मैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सिंहपुरा गांव का रहने वाला एक छोटा सा कवि हूँ। बचपन से ही मुझे कविताएं लिखने का शौक है तथा मैं अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से अपने देश और समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जिससे समाज में मेरी कविताओं के माध्यम से मेरे शब्दों के माध्यम से बदलाव आए।

क्योंकि मेरा मानना है आज तक दुनिया में जितने भी बदलाव आए हैं वह अच्छी सोच तथा विचारों के माध्यम से ही आए हैं अगर हमें कुछ बदलना है तो हमें अपने विचारों को अपने शब्दों को जरूर बदलना होगा तभी हम दुनिया में हो सब कुछ बदल सकते हैं जो बदलना चाहते हैं।

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धन्यवाद।

This Post Has 2 Comments

  1. Avatar
    Vibha Rani Shrivastava

    आपकी रचना चर्चा में शामिल की गयी है

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