आप पढ़ रहे हैं स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस सहित अन्य राष्ट्रीय दिवसों पर देश को समर्पित देश भक्ति शायरी हिंदी ( Desh Bhakti Shayari In Hindi ) –
देश भक्ति शायरी हिंदी
1.
श्रृंगार नारी का धर्म है क्या तुम श्रृंगार सजाओगे।
तुम भारत मां के बेटे हो रक्त तिलक ही लगाओगे।
भारत मां की लाज बचाने सीमा पर तुमको जाना है।
पीठ दिखाकर दुश्मन को क्या मां का शीश झुकाओगे?
2.
कि मैं किसी नदी का ही सही किनारा तो बना होता।
मैं किसी बेसहारा का सहारा तो बना होता।
तमाम उम्र कम पड़ती मुझे जीने के लिए जिंदगी,
हे भारत मां काश मैं रक्षक तुम्हारा तो बना होता
3.
कि मैं अभिमन्यु हूं कलयुग का सीखा है जाल तोड़ना भी।
जितने चाहे व्यू रचा लो, सीखा है शत्रु धड़ शीश तोड़ना भी।
मैं भारत मां का बेटा हूं तुम मुझको क्या मारोगे,
युद्ध से पहले सीख लिया अब तो मैंने कफन ओढ़ना भी।
4.
कि जीते हैं हम अपनी आन बान औऱ शान के लिए।
करते नहीं दुवा किसी पल भी अपनी जान के लिये।
न रखते ख्याल माँ-बाप,भाई-बहिन या अपनी सन्तान का।
ये सैनिक है साहब मर जाते हैं बस हिंदुस्तान के लिए।
5.
आंखों में आंसू दिल में अरमान सजाया है।
आज एक बेटे ने अपने पिता की चिता को आग लगाया है।
हम निकालते रहे रैली करते रहे शोक सभाएं
आज फिर एक काफिर भारत में घुस आया है।
पढ़िए :-देशभक्ति कविता “पैगाम”
नाम- नित्यानंद नित्य
पिता नाम -श्री प्रेम लाल पाठक
जन्म स्थली -दुर्गा चौक बड़ी खिरहनी कटनी मध्य प्रदेश
कार्य- संस्कृत शिक्षक के रूप में कटनी मध्य प्रदेश में कार्यरत
मोबाइल नंबर -80 8567 9326
विशेष -अटल काव्यांजलि में सेवारत सीटीएन कटनी सप्ताह सेवा देते हुए
वीर श्रृंगार वात्सल्य आदि रसों में लेखन
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