आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Kavita Nav Nirmit Nirman ) हिंदी कविता नव निर्मित निर्माण :-
हिंदी कविता नव निर्मित निर्माण
सभ्यता संस्कृति में ढह गए लोगों के आचार,
नियति की नियत में बदल गया व्यवहार।
हुआ क्या नव भारत निर्माण
अंग्रेजी के दो लफ़्ज़ों में दुनियां में छा जाते हैं,
हिंदी भाषी गर बोले तो गंवार कहलाते हैं।
सफेद पोश बलशाली अपना दंभ दिखाते हैं,
शराफत संग जो नर बैठे वो दूर खड़े खिसियाते हैं।
सत्य स्वयं भटका राहों में रघुवीर बहुत घबराते हैं
भूखे पेट गरीबों के मुंह से निवाले भी छिन जाते हैं।
बस एक चुनावी दौर रहा जब मुंह के बल शीश झुकाते हैं
भ्रष्टाचारी दीमक ने किया देश को तार तार
लूट के देश को ये पाखंडी खूब मौज मनाते हैं
हम कुछ शब्दों में नवनिर्मित निर्माण की परिभाषा बतलाते हैं
रचनाकार कर परिचय :-
नाम – अवस्थी कल्पना
पता – इंद्रलोक हाइड्रिल कॉलोनी , कृष्णा नगर , लखनऊ
शिक्षा – एम. ए . बीएड . एम. एड
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धन्यवाद।
Very nice
I liked your literature very much. May God take you to great heights. Bless you Dr R N Singh from Hardoi.
Nice poem
Nice
Very Beautiful album and heart taching poem.
Atisundar
Kya baat hai
Very nice