सैनिक पर हिंदी कविता :- देश की शान में

आप पढ़ रहे हैं सैनिक पर हिंदी कविता ” देश की शान में ” :-

सैनिक पर हिंदी कविता

सैनिक पर हिंदी कविता

देश की शान में मिट जाऊ कोई गम नहीं,
जिस दिन न आऊँ मां तुझसे मिलने
समझ लेना दुनियां में हम नहीं।

चला हूं आज मैं मां भारती की रज को मस्तक पर सजाने
झुके न सर कभी तेरा मां,
मै जा रहा तेरी शान को बढ़ाने।

सरहद पर खड़ा मै आंच आए न तुझ पर कभी
जा रहा मैं तुझ पर जान लुटाने।

मुझे आशीष देकर मां गले से तू लगा ले
जा रहा एक और मां का कर्ज चुकाने,
चला हूं आज मैं मां भारती की रज को मस्तक पर सजाने।

आंख में आंसू नहीं मेरे मुझे तो गर्व है
जा रहा मै अपना फर्ज निभाने,
ये लहू मेरे बड़ा खुशनसीब है तू
जा रहा वतन की खुशबू में समाने।

मुझे दे दो दुआंए प्यार से भेजो मुझे
चला हूं आज मैं सरहद पर फूल बरसाने,
चला हूं आज मैं मां भारती की रज को मस्तक पर सजाने ।


रचनाकार कर परिचय :-

अवस्थी कल्पनानाम – अवस्थी कल्पना
पता – इंद्रलोक हाइड्रिल कॉलोनी , कृष्णा नगर , लखनऊ
शिक्षा – एम. ए . बीएड . एम. एड

“ सैनिक पर हिंदी कविता ” ( Sainik Par Hindi Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

You may also like...

5 Responses

  1. Avatar Saumya awasthi says:

    Osm

  2. Avatar Saumya awasthi says:

    Nice

  3. Avatar Br awasthi says:

    Very nice poetry

  4. Avatar Dead 5 des says:

    Des prem paraapne bahut sunder kavita likha hi

  5. Avatar Awasthi kalpana says:

    Ap sbhi ka bahut bahut dhanyawad

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *