हिंदी कविता देश की शान | Hindi Kavita Desh Ki Shaan

दिल में जोश भरती देशभक्ति हिंदी कविता देश की शान :-

हिंदी कविता देश की शान

हिंदी कविता देश की शान

जिगर जुनूनी हौसलों में उड़ान रखते हैं
रग-रग में देश का जज्बा दिल में स्वाभिमान रखते हैं

हम झुक नहीं सकते ललकारो से
जिगर जुनूनी रखते हैं जो कटता नहीं तलवारों से

दिल में एक तमन्ना जाग उठी
चारो दिशाएं गूंज उठे बस इन्कलाब के नारों से
दुश्मन हम पर क्या वार करेंगे
दुश्मन की नीव हिला देंगे केवल हम अपनी हुंकारों से

सीमा पर आने वालों खैर नहीं
कतरा कतरा मिट जाएगा आंखो के अंगारों से
जान हथेली पर लेकर बढ़ते जाते
मौत भी झुक जाती है सरफिरे दिलदारो से

हर पल खूनी होली खेल रहे
पूछो भारत मां के लालो से
चीन हो या पाकिस्तान त्रस्त त्रस्त हो जाएगा
मिट जाएगा नाम तुम्हारा भारत के गलियारों से ।

पढ़िए :- देश प्रेम पर कविता “जन्म लूं धरा पर”


रचनाकार कर परिचय :-

अवस्थी कल्पनानाम – अवस्थी कल्पना
पता – इंद्रलोक हाइड्रिल कॉलोनी , कृष्णा नगर , लखनऊ
शिक्षा – एम. ए . बीएड . एम. एड

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