हिंदी कविता नायक
हिंदी कविता नायक
नायक का किरदार
जीवन के रंग मंच पर
शुरू होता है
शुरू से अंत तक,
सुख दुःख के संगम में
नहाकर,
धोता है मन के मैल को
हंसाकर,
कृष्ण और कंस का
राम और रावण का
द्रौपदी और दुशासन का
राशियां तो एक हैं
पर कर्म सोंच में भेद है
कर्म ही बनाता है
नायक
या फिर खलनायक।
जीवन की पुस्तक में
अवस्था के अध्याय में
बचपन डैस
जवानी कामा
बुढ़ापा को फुलस्टॉप समझिए
इन्हें मात्र चिह्न नहीं
जीवन के ही रहस्य समझिए,
जीवन के आदर्श के नायक
रामायण के राम
जीवन के व्यवहारिक पक्ष के नायक
अर्जुन और श्याम
देश के नायक वीर सैनिक
जो हो गये कुर्बान
हमारा अपना नायक हमारे अंदर
का छिपा इंसान,
जो सिखाता है
भलाई
अच्छाई
सच्चाई
मिताई
हिताई
और अपने कर्म कर
सतपथ पर चल कर
शुरू से अंत तक
अमर हो जाता है
सदा के लिए
सृष्टि में अनंत तक।
पढ़िए :- वीर रस की कविता – हम शीश कटाने आएंगे
रचनाकार का परिचय
यह कविता हमें भेजी है रामबृक्ष कुमार जी ने अम्बेडकर नगर से।
“ हिंदी कविता नायक ” ( Hindi Kavita Nayak ) आपको कैसी लगी ? “ हिंदी कविता नायक ” ( Hindi Kavita Nayak ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
- हमारा फेसबुक पेज लाइक करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
धन्यवाद।
Leave a Reply