Krishna Kavita In Hindi | हो मेरे घनश्याम तुम्हीं

Krishna Kavita In Hindi – आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता हो मेरे घनश्याम तुम्हीं :-

Krishna Kavita In Hindi
हो मेरे घनश्याम तुम्हीं

Krishna Kavita In Hindi

वही सुबह की रश्मि है
सुरमई है शाम वही।।
हूँ मैं तेरी राधा जैसी।
हो मेरे घनश्याम तुम्हीं।।

जनम जनम पुजुँ मैं तुमको।।
प्रेम मिलन आसान नहीं।।
मैंने बस तुमको पूजा है।
हो मेरे भगवान तुम्हीं।।
हूँ मैं तेरी राधा जैसी।
हो मेरे घनश्याम तुम्हीं।।

सच्चा प्रेम न पुरा होता।।
अक्षर ढाई अधूरा होता।।
बस अवनी, अम्बर के जैसे।
करूँ प्रतिक्षा मैंतेरी।।
हूँ मैं तेरी राधा जैसी।
हो मेरे घनश्याम तुम्हीं।।

जिस भी जनम मिलन होअपना।
साथ तुम्हारा हो संगी।।
प्रेम हमारा अमर हो जाए।
श्वेता की अरदास यही।।
हूँ मैं तेरी राधा जैसी।।
हो मेरे घनश्याम तुम्हीं।।

पढ़िए :- राधा कृष्ण प्रेम पर कविता | नज़राना भेजा है कान्हा


रचनाकार का परिचय

श्वेता कुमारी

यह कविता हमें भेजी है श्वेता कुमारी जी ने। जो अपनी रचना “श्वेता कर्ण” के नाम से लिखती हैं।

“ हो मेरे घनश्याम तुम्हीं कविता ” ( Krishna Kavita In Hindi ) आपको कैसी लगी? Krishna Kavita In Hindi यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

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धन्यवाद।

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1 Response

  1. हार्दिक आभार “हिंदी प्याला” का, मेरी रचना को स्थान देने के लिए

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