आप पढ़ रहे हैं ( Mata Pita Par Kavita ) माता पिता पर कविता :-

Mata Pita Par Kavita
माता पिता पर कविता

Mata Pita Par Kavita

न जाने वो दिल में अपने
कितने दर्द छिपाते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं,
होते हैं परेशां जब भी
जरा न हमको जताते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं।

कोशिश करते हैं सदा यही
जीवन हमारा खुशहाल रहे
इस बात की उनको फिकर नहीं
खुद चाहे जिस हाल रहें,
कमी न कोई हो पाती
हर ख्वाहिश पूरी करते हैं
हर पल वो बस अपने ही
परिवार की चिंता करते हैं,

पास बैठ कर साथ हमारे
वो अपना समय बिताते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं।

दुःख आन पड़े जब कोई
जरा भी न वो डरते हैं
कितनी भी बड़ी मुसीबत हो
वो कमजोर न पड़ते हैं,
टकरा जाएँ वो आंधी से
दम तूफान सा रखते हैं
दिन रात एक कर देते है
फिर भी कभी न थकते हैं,

हमारी हर ख़ामोशी को
वो अच्छी तरह पढ़ जाते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं।

गुण उनके दुनिया है गाती
चरणों में उनके शीश नवाती
वो ही हैं पालनहार हमारे
शिक्षा ये हमको बात सिखाती,
चाहे सौ-सौ जन्म लें हम
न उनका कर्ज उतरता है
वो ही पाता है स्वर्ग यहाँ
जो उनकी सेवा करता है,

दुनिया तो ठोकर मारती है
माँ-बाप ही हमें उठाते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं।

न जाने वो दिल में अपने
कितने दर्द छिपाते हैं
वो तो संग हमारे
सदा ही मुस्कुराते हैं।

पढ़िए :- माता पिता पर कविता | माँ बाबा

“ माता पिता पर कविता ” ( Mata Pita Par Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

Leave a Reply