Naye Saal Par Kavita – आप पढ़ रहे हैं नए साल पर कविता :-
Naye Saal Par Kavita
नए साल पर कविता
नये साल का आया पावन सवेरा
पावन पवित्र कर दे मन तेरा मेरा।
फूलों सा कलियों सा मन मुस्करायें
भौंरों के गीतों सा हम गुनगुनायें
धरती गगन गूंजें चिड़ियों का कलरव
आओ मन की माला में हम गूथ जायें
मोहक मनोहर लगे दुनिया प्यारा।
नये साल का आया पावन सवेरा।।
अम्बर के रंगों से धरती सजायें
पतंगों के तारों से नभ जगमगाये
नदियों के निर्मल धारा सा जीवन
झरनों के जल सा प्रेम झरझरायें,
नूतन हवा नव बहे जीवन धारा।
नये साल का आया पावन सवेरा।।
अरुण लालिमा का तिलक हम लगायें
सफलता के पथ पर कदम हम बढ़ायें
सुखमय सुनहरा नवल प्रवाह पल में
कठिन जिंदगी को सरल हम बनायें,
सुख समृद्धि का हो दिल में बसेरा।
नये साल का आया पावन सवेरा।।
हरियाली फसलों सा तन झूम जाए
धन धान्य से पूर्ण आंगन मन भाये
सफलता कदम चूमती जाये हर पल
नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएं।
मिटेगा गमों का कुहासा अंधेरा।
नये साल का आया पावन सवेरा।।
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रचनाकार का परिचय
यह कविता हमें भेजी है रामबृक्ष कुमार जी ने अम्बेडकर नगर से।
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