नए साल पर कविता :- देखो नया साल आया | Naye Saal Par Kavita

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नए साल पर कविता

नए साल पर कविता

सुख समृद्धि उन्नति लाया,
देखों नया साल है आया !
खुशहाली का मौसम छाया,
देखो नया साल है आया !!

चारों दिशाओं में फैली हरियाली ,
हर चेहरे पर छाई खुशहाली !
नूतन पत्ते आए हर डाली,
पुष्प देख खुश हो गया माली !!

फसल देख खुश हुआ किसान,
वेतन पाकर खुश हुआ जवान !
नया साल देगा पहचान,
सबको मिलेगा मान सम्मान !!

मिला सबको ठंडी से छुटकारा,
समय ना आता भाई है दुबारा!
जो भी कोई जीवन से हारा,
शुरू करे मेहनत दुबारा !!

नया साल कुछ नया सिखाता,
नए-नए अवसर से मिलाता !
नया जोश जुनून जगाता,
कर्मवीर को मंजिल से मिलाता !!

गलती का एहसास कराता,
असफलता का राज बताता !
बिछडो़ं को अपनों से मिलाता,
जीवन-पथ को आगे बढ़ाता !!

समय हंसाता ,समय रुलाता,
अपनों का एहसास कराता !
साथ चलो यह बात बताता,
इसलिए नया साल आता !!

पढ़िए :- नव वर्ष पर कविता “अंततम और नूतन बरस”


एस पी राजयह कविता हमें भेजी है एसपी राज जी ने बेगुसराय से।

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1 Response

  1. Avatar S k saj says:

    Nice poem

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