Poem On Kite In Hindi – यमुना पाठक जी द्वारा रचित ” पतंग पर कविता “

Poem On Kite In Hindi
पतंग पर कविता

किसी का रंग है पीला,
किसी का रंग है नीला
किसी का रंग धूसर तो ,
किसी का खूब चमकीला।
पतंगों की कहानी क्या,
हवा में तैरती कश्ती
कभी तो डोर है उलझी,
कभी मांझा बँधा ढीला ।

गगन में उड़ पतंगें ये,
खुशी इज़हार हैं करतीं
निराली शान है इनकी,
यकीं के पंख पर फिरती
किसी की पेंच में फँसकर,
कहीं कटकर गिरे तब भी
कभी छज्जे कभी तरु पर,
गगन को देख है मरती ।

चलीं हैं धूप को छूने,
हवा की जीत में बहने
लिखा कर नाम प्रेमी का,
उड़ी ऐसे कि क्या कहने
सहारा ले चढ़े ऊपर,
गला काटे गले मिलकर
कटी तो फिर पडेंगे ही,
पतन के दर्द भी सहने

बँधी हैं डोर से ये सब,
हवा को आजमाना है
धरा में ही नहीं नभ में,
बनाना आशियाना है
अभी कटकर गिरे जो ये,
लगेंगे लूटने ही सब
नमूना है कटी नभ छू ,
उड़ानों में तराना है ।

पढ़िए :- “एक दिन मैं भी चलूँगा” खोटे सिक्के पर कविता


रचनाकार का परिचय

यह कविता हमें भेजी है यमुना पाठक जी ने।

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