Sawan Poem In Hindi – आप पढ़ रहे हैं सावन पर कविता :-

Sawan Poem In Hindi
सावन पर कविता

सावन पर कविता

सावन का मौसम आया है,
बड़ा ही पावन है ये मौसम
शिव शक्ति ने विवाह रचाया है

हरजन शिव की महिमा गाता—
मन मंदिर शिवाला बन जाता,
दुख के बादल सब छट जाते—
जब हरियाला सावन आता,

सावन मनुहार सुनाता है,
जलधर घिर घिर आता है,
सावन के झूलों में सखियों संग—
दिल आसमान छू जाता है,

बारिश की नरम फुहारे हो—
कजरी हो और मल्हारे हो,
तब देख बहारें सावन की
मायके की याद दिलाता है,

ओढ़ चुनरिया जब धानी
प्रकृति जब श्रंगार करे,
मोर पपीहे की गुंजन हो,
भारतवर्ष तीज त्यौहार करें,

जब सखी सहेली मिल जाती है
कजरी सावन में सुनाती है,
कोई पिया को याद करे कोई
मायके की याद दिलाती है,
सब एक रंग रंग जाती है,

हरी ओढ़नी हरी चूड़ियां
माथे पर बिंदिया लगाती हैं,
हाथों में मेहंदी की रंगत
खुशबू से जग महक आती है,

तीज त्यौहार की खुशियों में
रहे हमेशा साल बटा,
नए नए रंग लाती है ऋतुएँ
मनमोहक आलम की है छटा,

मोती बरसाता है गगन,
सोना उगलाती है धरा,
मदहोशी का मौसम आया
चहुं दिशा हर्षोल्लास भरा

इस कविता का विडियो यहाँ देखे :-

पढ़िए :- प्रेरणादायक कविता | बहारों का मौसम


रचनाकार का परिचय

संगीता वर्मा

यह कविता हमें भेजी है संगीता वर्मा जी ने गाज़ियाबाद से। संगीता जी कुछ विशेष मंच से जुड़ी हुई हैं जिसमें उनकी कविताएँ प्रकाशित होती रहती हैं। प्रतिलिपि और रश्मि रथी में सक्रिय हैं।

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