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यशु जान की बेहतरीन शायरी

यशु जान की बेहतरीन शायरी

1.

पत्तियां नहाई हुई हैं क्यों जमकर आज ओस में,
एक नीले रंग का फ़ूल ख़िला है मेरे पड़ोस में ,
नशे में रहकर किसी को अग़र जन्नत नसीब हो ,
वो कम्बख़्त क्या करेगा आकर होश में

2.

आना है तो आ जाओ जेब में कुछ भरके आना ,
मिलने की तमन्ना रखते हो मरने का इरादा भी करके आना,
कुछ ऐसा वैसा हो गया तो मुझे दोष मत कहना ,
ऐसा करना तुम अपने घर से ही मरके आना

3.

मैं जब सोता हूँ ख़ुदा की निग़रानी में होता हूँ ,
वो उसकी मौजूदगी में मुझपर हमले करने लगे ,
जब उनकी सारी कोशिशें नाक़ाम हो गईं ,
वो मुझे ज़िंदा जलाने की साज़िश करने लगे

4.

नशा कम है लगता है कोई शराब में कुछ मिलाकर चला गया है ,
सच बताओ कौन है जो पानी में आग लगाकर चला गया है ,
आग लगने वाली है ज्वालामुखी फ़टने का झांसा देकर ,
ज़ालिम चारों तरफ़ धुंआं ही उड़ाकर चला गया है

5.

उनसे इश्क़ करने की मत दुआ कीजिए ,
अपनी ना सही उनकी तो प्रवाह कीजिए

6.

तुझसे मोहब्बत करके मुझे कुछ मिला तो नहीं है,
तू बता कहीं तुझे मुझसे कोई गिला तो नहीं है

7.

हमने सबसे वफ़ा की उम्मीद की ,
इसीलिए किसी एक के भी हो ना सके

8.

कुछ ऐसा हो जाएगा दुनियां का नसीब ,
ख़ुद को हाथ लगाने से भी डर सा लगेगा

9.

आज के दौर में अग़र जनाज़ा उठा ,
याद रखना महफ़िल में सब ग़ैर होंगे

10.

इश्क़ की बीमारी का यही इलाज है ,
सोच लो कि इसका कोई हल नहीं

11.

अजीब लोग हैं तेरी इस दुनियां के जान ,
जानते हुए भी पूछते हैं मेरा हाल क्या है

12.

अपनी मुसीबतों पर ज़िद में आना सीख़ लो ,
अग़र आग नहीं बन सकते तो मशाल जलाना सीख़ लो

13.

रोज़ अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब लिख़ता हूँ,
लोग़ कहते हैं मैं कौनसी किताब लिख़ता हूँ

14.

ख़ुदा का कैसा दस्तूर है ग़ज़ब का फ़रमान है ,
हम सब ख़तरे में भी हैं और ख़तरे में ही हमारी जान है ,
ख़तरे से बचें या ख़तरे को बचाएं उलझन सी है ,
दोनों तरफ़ का हिसाब करें तो हमारा ही नुक़सान है

15.

अग़र सारी ज़िम्मेदारियाँ मैं निभा पाता ,
लोग़ मेरी इबादत करते हो ख़ुदा जाता


यशु जान द्वारा दिया गया परिचय :-

यशु जानयशु जान (9 फरवरी 1994) एक पंजाबी कवि और लेखक हैं। वे जालंधर सिटी से हैं। उनका पैतृक गाँव चक साहबू अप्प्रा शहर के पास है। उनके पिता जी का नाम रणजीत राम और माता जसविंदर कौर हैं । उन्हें बचपन से ही कला से प्यार है। उनका शौक गीत, कविता और ग़ज़ल गाना है। वे विभिन्न विषयों पर खोज करना पसंद करते हैं। वे अपनी उपलब्धियों को अपनी पत्नी श्रीमती मृदुला के प्रमुख योगदान के रूप में स्वीकार करते हैं।

पंजाब के मशहूर शायर यशु जान एक ऐसे शायर हैं जो अपनी तलवार जैसी शायरी में आग़ उग़लते हैं उनकी शायरी सत्ता की धज्जियाँ उड़ा देती है | आपको बता दें कि यशु जान सिर्फ़ हिंदी में ही नहीं बल्कि पंजाबी , उर्दू और अंग्रेज़ी में भी कविताएँ , शायरी , ग़ज़ल और लेख़ लिख़ते हैं उनकी पंजाबी की कविताओं के लोग़ पाक़िस्तान में भी दीवाने हैं | उनके नाम अभी तक 60 हिंदी की ग़ज़लें , 50 हिंदी , उर्दू के शेऱ , 200 पंजाबी कविताएँ 50 पंजाबी ग़ज़लें, 25 हिंदी बाल कविताएँ हैं | महज़ 26 साल की उम्र का ये शायर अपनी ग़ज़लों में मुर्दे में जान फ़ूँकने वाली शायरी का इस्तेमाल करता है आपको बता दें कि यशु जान मशहूर शायर डॉ : राहत इन्दौरी को अपना उस्ताद मानते हैं | यशु जान गाने का भी शौक़ रख़ते हैं उनको ऐसे विषयों पर ख़ोज करना भी बहुत पसंद है जिनको लोग़ नहीं मानते जैसे समय यात्रा , दूसरी दुनियां का अस्तित्व है या नहीं इत्यादि |

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