आप पढ़ रहे हैं ( Hindi Poetry On Life ) जिंदगी पर कविता “ऐ जिंदगी मुश्किलों को टाल”
जिंदगी पर कविता
कब तक आह भरती रहोगी
तुझ पर सारा दारोमदार था,
ऐ जिंदगी मुश्किलों को टाल
राहतों का हमें इंतजार था।
सच पे क्यूँ झूठ की परत डाल ली
आँखों पे क्यूँ काली पट्टी बाँध ली
बेसबब ही ढो़ रहे है कर्मो के बोझ
ऐ जिंदगी तुझ पर बड़ा ऐतबार था
ऐ जिंदगी मुश्किलों को टाल
राहतों का हमें इंतजार था।
रहमतों की हिमायत में जी रहे है
तल्खियों के कई घूंट हम पी रहे है
मुस्कराती नहीं अब जिंदगानी मेरी
ऐ जिंदगी हमको तुम्ही से प्यार था
ऐ जिंदगी मुश्किलों को टाल
राहतों का हमें इंतजार था।
दफन कर दिये हर एक ख्वाब को
दबा बैठे है अपनी ही आवाज़ को
बेसबर कट रही है जिंदगानी मेरी
ऐ जिंदगी दिल में मेरे गुबार था
ऐ जिंदगी मुश्किलों को टाल
राहतों का हमें इंतजार था।
बेकरारी का आलम यूं ही ढ़ल गया
है खुमारी का आलम, पता चल गया
इश्क में इश्क की बात हमने की थी
ऐ जिंदगी वो मेरा आखिरी कुसूर था
ऐ जिंदगी मुश्किलों को टाल
राहतों का हमें इंतजार था।
बहता है दिल में अब लावा सा कोई
रहता है मुझे अब पछतावा सा कोई
हमें ख़्वाहिशों से अब कितना गिला है
ऐ जिंदगी मिला न कुछ खोया बहुत था
ऐ जिंदगी मुश्किलों को टाल
राहतों का हमें इंतजार था।
पढ़िए :- गरीबी पर कविता “गरीबी भी क्या गज़ब होती है”
“ जिंदगी पर कविता ” ( Hindi Poetry On Life ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
प्रवीण
धन्यवाद।
Leave a Reply