आप पढ़ रहे हैं जिंदगी की हिंदी कविता :-
जिंदगी की हिंदी कविता
जिंदगी होती है, संघर्ष की कहानी।
जिंदगी जीने मे, हम कर जाते है नादानी।
बचपन बीता, खेलने कूदने में।
जवानी बीत गई, लड़कपन में।
वृद्धावस्था में याद आया, जिंदगी का मकसद।
समय निकाल दिया, जिंदगी के दंद-फंद में।
जिंदगी जीने का होना चाहिए, एक सलीका।
हर जीव के प्रति, मन में हो दया भाव।
परोपकार, सेवा से ही बढ़ता है, जीवन में प्रभाव।
जिंदगी को जियो, मस्त- मौला की तरह।
बार-बार नहीं मिलती जिंदगी।
अभिमान छोड़कर, स्वाभिमान से जियो जिंदगी।
मरने के बाद भी, दुनिया याद करे, ऐसे हो जिंदगी।
जैसा कबीर जी ने कहा-
जब हम पैदा हुए, दुनिया हंसी हम रोय।
करनी ऐसी कर चलो,हम हंसे दुनिया रोय।
बिना मकसद, जिंदगी हो जाती है बेकार।
जिंदगी में ताजगी रखनी है,
तो करते रहो निरंतर परोपकार।
“रचनाकार का परिचय
“ जिंदगी की हिंदी कविता ” ( Zindagi Ki Hindi Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
धन्यवाद।
Leave a Reply