जिंदगी की कविता :- लौट आ मेरी ज़िन्दगी | Zindagi Ki Kavita

उदास हो चुकी जिंदगी को फिर से मानाने की कोशिश की कविता ” जिंदगी की कविता ”

जिंदगी की कविता

जिंदगी की कविता

लौट आ मेरी ज़िन्दगी तू कहीं से
तन्हाई का दामन तोड़ते हुए,
हवा के झोंकों के साथ
फिर से मुझे तारों ताजा कर दें,

मुरझा गई है जिंदगी
सूखे गुलाब के फूलों की तरह
नहीं है वो महक प्यार की
जो तुमने जिंदगी मे लाया था
मिट गई है हाथों की मेंहदी
जिंदगी की राहें कुछ इस कदर
बंद हो गई है, उजाले मे अंधेरा
छा सा जाता है
लौट आ तू कही से
मेरे जीवन को उजाला कर जा

लौट आ ज़िन्दगी तू कही से
तन्हाई का दामन तोड़ते हुए

काँटों भरी राहों मे जो चला
गया छोड़कर मुझे
अकेले सफर करने को
मजबूर, आ जाओ लौटकर
फिर से ज़िन्दगी का पथ बता जा
लौट आ ज़िन्दगी तू कही से

तुम्हारी याद मे बेचैनी
इस कदर बढ़ गई है
कल जिन आखों मे काजल थे
आज अश्कों के समुन्दर बन गई है,
पाने को प्यार फिर से
तुझसे दूर हो गई हुँ
तेरी यादों के सहारे जीने
मजबूर हो गई हूँ,,

काली घटाओं के बूंदो के साथ
हवा के झोंको से मेरे जीवन
मे खुशियों की रिमझिम फुहार ले आ
ऐ ज़िन्दगी तू फिर से लौट आ

अब नहीं है मुझमे जीने की आरजू
ना बची है उम्मीद की कोई किरण
हर तरफ शोर गूंज रही है,
लगता है जैसे, पुकार रहा कोई
मौत बनकर अपने पास बुलाने को
सिमट गई है, यादों की परछाई
खो गई है कही अब तो लगता
है खुद मे खुद को खो जा रही हुँ
आ जा तू कही से परछाई बनकर
समा जा मुझमें,

ऐ जिंदगी तू लौट आ फिर से
एक बार फिर से लौट आ
मेरी मुरझाई जिंदगी को
फिर से मुस्कुरा जा
ऐ ज़िन्दगी तू फिर से लौट आ,

खाली हो गई है दिल की बगिया
अब नहीं गूंजती पंछियो की आवाजें,
तितलियाँ भी गायब हो गई है कहीं
भँवरे भी नहीं गुनगुनाते,
दिल की बगिया की तुम्ही तो हो सबकुछ
एकबार फिर से लौट आ,
दिल की बगिया को फिर से महका जा।

ऐ ज़िन्दगी तू तू फिर से लौट आ,
आ जा तू कहीं से
ऐ ज़िन्दगी तो फिर से लौट आ…..

पढ़िए :- जिंदगी पर हिंदी कविता “जिंदगी पतंग समान है”


रचनाकार का परिचय

पुष्पराज देवहरेनाम :- पुष्पराज देवहरे
ग्राम :- दोंदे खुर्द रायपुर
पढ़ाई – BA फाइनल, PGDCA
रूचि – कविता लेखन, पढ़न
कार्य – सोशल वर्कर, भीम रेजिमेंट छत्तीसगढ़ गैर राजनीतीक संगठन ब्लॉक सचिव धरसींवा रायपुर,

“ जिंदगी की कविता ” ( Zindagi Ki Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

 

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *