हमारे आस-पास समाज में होने वाली घटनाओं का वर्णन करती आज के हालात पर कविता ” मंदिरों की चौखटों पर ” :-
आज के हालात पर कविता
मंदिरों की चौखटों पर भिखारी को
भूख से बिलखते देखा है,,
उसी मंदिरो में करोड़ों के
चढ़ावे करते देखा है,,,,
बच्चों को पढ़ाने में माँ के
ज़ेवर भी बिक गए
उसी बच्चे को बेरोजगारी में
मरते देखा है,,,
जहाँ रोज निर्भया दरिंदो का
शिकार होती है,
न्याय पन्नों मे दबकर रह जाता है
रोज लूटते हैं दहेज़ के लोभी,
भाई – भाई को जायदाद
के लिए लड़ते देखा है,,,
रोज गुजरती है उस रोड से
करोड़ों की चमचाती कारें
उसी रोड के फुटपाथ पर
बेसहारों को ठंड मे
बिना चादर के ठिठुरते देखा है,,,
आंधी तूफानों में भी सीना ताने
खड़े हैं वो सरहदों पे
सरहद के अंदर लोगों को
धर्म के नाम पर लड़ते देखा है,,,
वह रोज सींचता है अपना
पसीना खेतों में
दो निवाले कम खाकर
दूसरों को खिलाते देखा है
परन्तु फिर भी उसे कर्ज की
सूली पर लटकते देखा है,,,
घर में पत्नी भूखी बैठी
पति को मयखाने में
रंग जमाते देखा है
काम करने मे आलसी है वो
बाप दादाओ की पूंजी को
जुए सट्टे मे उड़ाते देखा है,,,,
वो खूब मेहनत करता है
दूसरों का घर बनाने मे
उसके घर की छत को
पानी से टपकते देखा है,,,,
पढ़िए :- मानवता पर कविता “आदिमानव ही अच्छा था”
रचनाकार का परिचय
नाम :- पुष्पराज देवहरे
ग्राम :- दोंदे खुर्द रायपुर
पढ़ाई – BA फाइनल, PGDCA
रूचि – कविता लेखन, पढ़न
कार्य – सोशल वर्कर, भीम रेजिमेंट छत्तीसगढ़ गैर राजनीतीक संगठन ब्लॉक सचिव धरसींवा रायपुर,
“ आज के हालात पर कविता ” ( Aaj Ke Halat Par Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।
हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।
धन्यवाद।
बेहतरीन कविता ।। उम्मीद है आप आगे भी ऐसी रचना करते रहेंगे ।।