Pandit Jawaharlal Nehru Kavita – आप पढ़ रहे हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू कविता :-

Pandit Jawaharlal Nehru Kavita
पंडित जवाहरलाल नेहरू कविता

Pandit Jawaharlal Nehru Kavita

चौदह नवम्बर 1889 को,
जन्मे थे चाचा नेहरू।
बच्चों के बहुत प्रिय थे,
कहते थे चाचा नेहरू।

अपने जन्म दिन को,
नाम दिया बाल दिवस।
इस दिन मस्ती करते बच्चे,
नहीं रहते मायूस व विवश।

बाल दिवस को बच्चे करते है,
चाचा के कृतित्व का बखान।
पहले प्रधानमंत्री थे भारत के,
उनका व्यतित्व था महान।

बच्चे करे हमेशा मुकाबला,
हर दुविधा व असुविधा का।
वह कहते थे बच्चों मे हो,
वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा।

बच्चे है मन के सच्चे,
प्यार व प्रेम के भूखे।
भारत का भविष्य है,
हो तर्कशील न रहे खोखे।

यूवाओं से करते थे हमेशा,
एक ही निवेदन व आह्वाहन।
निरंतर स्वाध्याय करके,
बढ़ाओ अपना गहरा ज्ञान।

प्रभावित थे वे साहित्य से,
स्वामी विवेकानंद जी के।
करते थे प्रेरित नई पीढ़ी को,
स्वामी का साहित्य पढ़ने को।

देश की एकता का सूत्र है,
विवेकानंद जी का साहित्य।

देश-दुनिया घुमकर लाए थे,
भारत में नवक्रांति व जाग्रति।
सबसे लम्बे समय तक रहे,
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री।

पंचशील सिद्धान्त दिया,
देश का नाम ऊंचा किया।
देश की एकता और
अखंडता के लिए खूब काम किया।

बाल दिवस खूब मनाओ,
युवकों व बच्चों के संग।
चाचा नेहरू को बच्चे प्रिय थे,
हमेशा रखते थे उनको संग।

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रचनाकार का परिचय

हंसराज "हंस"

हंसराज “हंस” जी गत 30 वर्षो से अध्यापन का कार्य करवा रहे है। शिक्षा मे नवाचारों के पक्षधर है। “हैप्पी बर्थडे” “गांव का अखबार” इनके शैक्षिक नवाचार है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संदर्भ व्यक्ति ( रिसोर्स पर्सन ) के रूप में 8-10 वर्षों का अनुभव रखते है। तात्कालिक मुद्दों, जयंतियों व सामाजिक कुरीतियों पर आलेख लिखते रहते।

मौलिक लेख विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व देश व प्रदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई वेबीनारो व फेसबुक लाइव प्रसारण पर विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने मौलिक विचारों का प्रकटीकरण करते रहते है। शिक्षक संगठन व सामाजिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए निरंतर सामाजिक सुधारों की ओर अग्रसर है।

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