Hindi Kavita Gulshan – आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता गुलशन :-

Hindi Kavita Gulshan
हिंदी कविता गुलशन

Hindi Kavita Gulshan

गुलशन में खिलाऐ,
दो फूल अच्छे-अच्छे।

करे उनकी अच्छी परवरिश,
चाहे बच्ची हो या बच्चे।

पढ़ा लिखा कर उनको,
बनाए समझदार शिक्षित। 

उनको अपने आचरण से,
दे संस्कार करे दीक्षित।

बन समाज के वे अंग,
अंतिम व्यक्ति के रहेगे संग।

गुलशन के गुलों की जब,
चारों ओर फैलेगी सुगंध। 

समाज में फैली कुरीतियों की,
मिट जाएगी सारी दुर्गंध।

ऐसे गुलशन की महक से,
बनेगा मेरा देश आलीशान। 

गुलशन की बहारों से,
होगा भारत देश महान।

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रचनाकार का परिचय

हंसराज "हंस"

हंसराज “हंस” जी गत 30 वर्षो से अध्यापन का कार्य करवा रहे है। शिक्षा मे नवाचारों के पक्षधर है। “हैप्पी बर्थडे” “गांव का अखबार” इनके शैक्षिक नवाचार है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संदर्भ व्यक्ति ( रिसोर्स पर्सन ) के रूप में 8-10 वर्षों का अनुभव रखते है। तात्कालिक मुद्दों, जयंतियों व सामाजिक कुरीतियों पर आलेख लिखते रहते।

मौलिक लेख विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व देश व प्रदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई वेबीनारो व फेसबुक लाइव प्रसारण पर विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने मौलिक विचारों का प्रकटीकरण करते रहते है। शिक्षक संगठन व सामाजिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए निरंतर सामाजिक सुधारों की ओर अग्रसर है।

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