Agaz Sacchi Mohabbat Ka Kavita एक युवा किसी लड़की से बेइन्तहां सच्ची मोहब्बत करता है फिर जब उनसे मिलने का वक्त आता है तो नायिका के तरफ से कुछ विरोधी खड़े होते हैं तब अन्त मे कवि इस कविता के द्वारा उनके सामने खुले रुप मे आगाज करता है –

Agaz Sacchi Mohabbat Ka
आगाज सच्ची मोहब्बत का कविता

Agaz Sacchi Mohabbat Ka Kavita

थाम  लो  बखूबी  हाथ आने से  रोको उन्हे
अपने   इलाके   मे   शेर   सी  कहानी  है ।

मानो  ना  मानो  ये  बिधि का  बिधान  जान
उनसे  मेरा  प्यार  महादेव  की  निशानी है।।

बेशक  खड़ा  हूं   मै  अकेला   ही  देख  लो
ताकत  है  सत्य  की  अधर्म  की  रवानी  है।

मोहब्बत  के  रास्ते मे  षड़यंत्र तुम सोचो गर
आर्यन ‘ की नजरों मे  नामर्द की निशानी है।।

तुम चाहें हजार लोग एक होकर विरोध करो
वक्त  की  बर्बादी  कुछ  हाथ  नही आनी है।

धोखे  मे  मत  रहना  ऐलान  फिर  करता  हूं
जीतना  ही  लक्ष्य  मैने  हार  नही  मानी  हैं।।

इज्जत से पेश आओ तो दिल से लगाऊंगा
नफरत  की  दुनिया में  महफिल  जमानी है।

आर – पार  करता हूं  दोस्ती  हो  या दुश्मनी
खोलकर  पढो  मेरी  बड़ी लम्बी कहानी है ।।

अमन  चैन  आया  तो  ठुकराने  लगे  आप
समझदार  होकर  सच  बात  नही  जानी है।

मैं हूं उनका वो बनी सिर्फ मेरे लिये
सोच लो अब आप आगें बात क्या बढ़ानी है।।

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रचनाकार का परिचय

आर्यपुत्र आर्यन

यह कविता हमें भेजी है आर्यपुत्र आर्यन जी ने। आर्यपुत्र आर्यन जी भागवत कथा प्रवक्ता व हिन्दी के रचनाकार हैं। इन्होंने पुस्तकें भी लिखी हैं एवं इनकी कई कविताएं व गीत उपलब्ध हैं।

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