बहन की याद में कविता
मेरी प्यारी बहना तुम
हमेशा मुझे सताती हो,
मेरी झूठी बात को भी,
सही हमेशा मान जाती हो,
मेरी प्यारी बहना मुझको
तुम बहुत याद आती हो ।
वो हमारे बचपन के झगड़े
अभी भी याद आते है,
बचपन की सब प्यारी बातें,
सारे रिश्ते सारे नाते,
बचपन के वो खेल खिलौने,
और तुम अब भी मुस्कुराती हो,
मेरी प्यारी बहना मुझको
तुम बहुत याद आती हो ।
सुख दुःख में तुम साथ निभाती,
सारी खुशियाँ हमको दे जाती,
बारिश के सुहाने मौसम में,
जब बागों में थीं तुम ले जाती,
आज जिंदगी की राहें
कहाँ तुम दिखाती हो,
मेरी प्यारी बहना मुझको
तुम बहुत याद आती हो।
हमारी गलतियों को अपनी मानकर,
मम्मी-पापा से हमें तुम ही बचाती थीं,
जब भी देखता हूँ तस्वीर तुम्हारी
तुम मुझको बहुत रुलाती हो,
मेरी प्यारी बहना मुझको
तुम बहुत याद आती हो।
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नाम :- प्रकाश रंजन मिश्र
पिता :- श्री राज कुमारमिश्र
माता :- श्रीमती मणी देवी
जन्मतिथि :- 05/05/1996
पद-: सहायकप्राध्यापक, वेद-विभाग(अ.), राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान जयपुर परिसर, जयपुर (राजस्थान)
अध्यायन स्थल-: श्रीसोमनाथसंस्कृतविश्वविद्यालय,वेरावल, (गुजरात)
आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान वेद विद्यालय मोतिहारी (बिहार)
वेद विभूषण वेदाचार्य(M.A), नेट, गुजरात सेट, लब्धस्वर्णपदक, विद्यावारिधि(ph.d) प्रवेश
डिप्लोमा कोर्स :- योग, संस्कृतशिक्षण,मन्दिरव्यवस्थापन,कम्प्युटर एप्लिकेशन।
प्रकाशन :- 7 पुस्तक एवं 15 शोधपत्र,10 कविता
सम्मान :- ज्योतिष रत्न, श्री अर्जुन तिवारी संस्कृत साहित्य पुरस्कार से सम्मानित
स्थायीपता :- ग्राम व पोस्ट – डुमरा, थाना -कोटवा ,जिला- पूर्वी चंपारण (बिहार)
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