कोरोना पर बाल कविता – सुनोना सुनोना
आप पढ़ रहे हैं आदरणीया अंशु विनोद गुप्ता जी द्वारा रचित कोरोना पर बाल कविता ( Corona Par Bal Kavita ) “ सुनोना सुनोना ”
कोरोना पर बाल कविता
सुनोना ,सुनोना, सुनोना।
मेरी बातें नानी सुनोना।।
मोदी जी ने जो भी कहा है
उन सबका पालन करोना।।
बचोना, बचोना, बचोना।
संक्रमण से सब ही बचोना।।
फिरो ना ,फिरो ना , फिरो ना।
बाहर यूँ कोई फिरो ना।।
रहोना, रहोना, रहोना।
घर ही के अंदर रहोना।।
छुओ ना ,छुओ ना, छुओ ना।
धातु कोई भी छुओ ना।।
पिओ ना, पिओ ना, पिओ ना।
बीड़ी सिगरेट पिओ ना।।
करोना, करोना ,करोना।
सैनिटाइज़ सभी को करोना।।
लड़ोना, लड़ोना, लड़ोना।
महामारी से मिलकर लड़ोना।।
मरो ना, मरो ना ,मरो ना।
कोरोना से कोई मरो ना।।
जियोना, जियोना ,जियोना।
हँसी और खुशी से जियोना।।
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अंशु विनोद गुप्ता जी एक गृहणी हैं। बचपन से इन्हें लिखने का शौक है।नृत्य, संगीत चित्रकला और लेखन सहित इन्हें अनेक कलाओं में अभिरुचि है। ये हिंदी में परास्नातक हैं। ये एक जानी-मानी वरिष्ठ कवियित्री और शायरा भी हैं। इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें “गीत पल्लवी ”,दूसरी पुस्तक “गीतपल्लवी द्वितीय भाग एक” प्रमुख हैं। जिनमें इनकी लगभग 50 रचनाएँ हैं।
इतना ही नहीं ये निःस्वार्थ भावना से साहित्य की सेवा में लगी हुयी हैं। जिसके तहत ये निःशुल्क साहित्य का ज्ञान सबको बाँट रही हैं। इन्हें भारतीय साहित्य ही नहीं अपितु जापानी साहित्य का भी भरपूर ज्ञान है। जापानी विधायें हाइकु, ताँका, चोका और सेदोका में ये पारंगत हैं।
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