आप पढ़ रहे हैं हिंदी कविता दिल की धड़कन :-

हिंदी कविता दिल की धड़कन

हिंदी कविता दिल की धड़कन

अपनी ही बातो में खुद को संवार लेती हूं,
सुनसान रातों को गहराइयों में उतार लेती हूं।

कभी कभी टपक जाती हैं बारिश की बूंदे,
बूंदों में अधधुली धरा के मोती बुहार लेती हूं।

चांद एक अनगिनत तारे,
तारो के बीच चांद को थोड़ा निहार लेती हूं ।

मीरा सा विषपान किया राधा सी पीड़ा झेली है,
जीवन के इस उलझे मन में बैठी एक पहेली है।

जुगुनू सा जलकर रातों में सांसों में,
बसकर निकली अरमानों की टोली है।

मन मांझी सा ढूढ़े अंधियारों में,
दीपक की लौ भी कुछ बोली है।

होंठ हुए ख़ामोश तो लफ़्ज़ों ने खामोशी तोड़ी है,
अश्कों की बारिश में बहता दिल पत्थर हमजोली है।

सारी खुशियां पूरी दुनियां दो लफ़्ज़ों ने तोली है,
मीरा सा विषपान किया राधा सी पीड़ा झेली है।

पढ़िए :- हिंदी कविता “दिल की बात”


रचनाकार कर परिचय :-

अवस्थी कल्पनानाम – अवस्थी कल्पना
पता – इंद्रलोक हाइड्रिल कॉलोनी , कृष्णा नगर , लखनऊ
शिक्षा – एम. ए . बीएड . एम. एड

“ हिंदी कविता दिल की धड़कन ” ( Hindi Kavita Dil Ki Dhadkan ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

This Post Has 5 Comments

  1. Avatar
    हरिकृष्ण शुक्ल

    क्या खूब लिखा है

  2. Avatar
    Aparna Mishra

    बहुत खूब

  3. Avatar
    Aparna Mishra

    बेहतरीन रचना

  4. Avatar
    Shivani Mishra

    Bahut sundar

  5. Avatar
    Surendra Prasad

    Very good poem

Leave a Reply