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हिंदी कविता मेरे एहसास

हिंदी कविता मेरे एहसास

मैंऔर मेरे एहसास

मुझको छूकर बार बार हवा कह जाती है ,
बारिश भी मेरे तन मन को भिगा जाती है ।

ख़्वाबों की तपिश में जलती हूं मैं ,
मुझको तुम्हारी बहुत याद आती है ।

काश तुम मुझको समझ पाते ,
मेरे दिल की गहराई में उतर जाते

फिजाओं में फैली है सूरज की मगरुर सी लाली ।
काश चाहत की रंगत में हम चांदनी बनके बिखर जाते ।

हौले हौले स्वच्छंद सुगन्ध में
तुम मधुमास बनके उतर जाते ।

प्रफुल्लित होकर झूमता मन मयूर सा ,
काश हम तुमसे दिल की बात कह पाते ।

काश तुम सामने होते हम जहां से अलविदा हो जाते ।
वेदना ही वेदना छिपी दिल में काश तुम मुझको समझ पाते ।

पढ़िए :- हिंदी कविता विरह वेदना


रचनाकार कर परिचय :-

अवस्थी कल्पनानाम – अवस्थी कल्पना
पता – इंद्रलोक हाइड्रिल कॉलोनी , कृष्णा नगर , लखनऊ
शिक्षा – एम. ए . बीएड . एम. एड

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This Post Has 4 Comments

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    हरिकृष्ण शुक्ल

    बेहद खूबसूरत कविता

  2. Avatar
    Shyam bildani 'sadhgi' Badnera.Amravati(Maharashtra)

    Bahut hi sunde rachna hain ji.aapki.bahut bahut shubhkamnye
    ✍️shyam bildani badnera(Amravati)Maharashtra

  3. Avatar
    Awasthi kalpana

    Ap sbhi ka bahut bahut dhanyawad

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