हिंदी कविता मेरे एहसास | Hindi Kavita Mere Ehsaas
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हिंदी कविता मेरे एहसास
मैंऔर मेरे एहसास
मुझको छूकर बार बार हवा कह जाती है ,
बारिश भी मेरे तन मन को भिगा जाती है ।
ख़्वाबों की तपिश में जलती हूं मैं ,
मुझको तुम्हारी बहुत याद आती है ।
काश तुम मुझको समझ पाते ,
मेरे दिल की गहराई में उतर जाते
फिजाओं में फैली है सूरज की मगरुर सी लाली ।
काश चाहत की रंगत में हम चांदनी बनके बिखर जाते ।
हौले हौले स्वच्छंद सुगन्ध में
तुम मधुमास बनके उतर जाते ।
प्रफुल्लित होकर झूमता मन मयूर सा ,
काश हम तुमसे दिल की बात कह पाते ।
काश तुम सामने होते हम जहां से अलविदा हो जाते ।
वेदना ही वेदना छिपी दिल में काश तुम मुझको समझ पाते ।
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रचनाकार कर परिचय :-
नाम – अवस्थी कल्पना
पता – इंद्रलोक हाइड्रिल कॉलोनी , कृष्णा नगर , लखनऊ
शिक्षा – एम. ए . बीएड . एम. एड
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धन्यवाद।
बेहद खूबसूरत कविता
Ap ne bahut sunderlikha hi
Bahut hi sunde rachna hain ji.aapki.bahut bahut shubhkamnye
✍️shyam bildani badnera(Amravati)Maharashtra
Ap sbhi ka bahut bahut dhanyawad