आप पढ़ रहें हैं आदरणीया मधु जी द्वारा रचित ( Hindi Kavita On Meri Maa ) माँ पर हिंदी कविता “माँ तो बस माँ होती है”

माँ पर हिंदी कविता

माँ पर हिंदी कविता

‘मेरा पहला प्यार
तुम्ही हो माँ ‘
यह आवाज़ मेरे दिल की,
धड़कन में बसी होती है।

भले ही मोहब्बत का जिक्र ,
करता हो जमाना …
पर प्यार की शुरुआत,
आज भी माँ से होती है।

हमारे अपने वजूद की ख़बर ,
हमें बाद में होती है ।
इसकी पहली आहट तो,
माँ के दिल में होती है।

माना थक कर आंखें
बंद होती है।
पर सोती है तब भी,
माँ फिक्रमंद होती है।

धूप-छाँव, हवा-पानी ,
आसमां-जमी सब होती है।
माँ तो बस माँ होती है,
बच्चों की पूरी दुनिया होती है।


मधु नेवटियायह कविता हमें भेजी है मधु जी ने। मधु जी परास्नातक हैं और लिखना इन का शौक है।

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