Teacher Day Kavita

Teacher Day Kavita

Teacher Day Kavita

गुरु स्थान मन में ध्यान,
धन्वी एकलव्य है महान,
5-सितंबर दिवस महान,
कर रहे याद गुरु महान।

बिन गुरु न ज्ञान मिले,
शिक्षा से शिक्षित हुए,
गुरु कराये चरित्र निर्माण,
बच्चे सबके बने महान।

बना था हिन्द विश्व गुरु,
हमें हो रहा देश पे गुरुर,
गुरु को मिल रहा सम्मान,
गुरु को शत-शत प्रणाम।

पहला गुरु है मात-पिता,
दूसरा गुरु ज्ञान दिलाता,
जीवन को प्रखर बनाता,
विकट राह सरल बनाता।

गुरु में है गुणों की खान,
हमें है उनपर अभिमान
गुरु,मात-पिता,भगवान,
सब देते उनको सम्मान।

पढ़िए :- शिक्षक दिवस पर कविता – शिक्षा का दीप जलाता


रचनाकार का परिचय

सदानन्द प्रसाद

यह कविता हमें भेजी है सदानन्द प्रसाद जी ने संग्रामपुर,लखीसराय ( बिहार ) से। इनकी शिक्षा स्नातक,डिप. इन.फार्मेसी है। ये योग प्रशिक्षित हैं व भारतीय खाद्य निगम सेवा से निवृत्त हैं। साथ ही बिहार राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ,लि., पटना में निदेशक भी रहे हैं।

प्रारंभ से ही समाज सेवा में इनकी अभिरुचि रही है व समाजवादी विचार धारा रही है। कर्पूरी टाइम्स एवं निरोग संवाद पत्रिका का संपादन कार्य भी इन्होंने किया है। विज्ञान का छात्र होने के बावजूद बचपन से ही हिंदी लेखन-पाठन में अभिरुचि रही है।
सामाजिक ,सांस्कृतिक, प्राकृतिक एवं ग्रामीण पृष्ठभूमि पर इनकी काव्य रचनायें हैं। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन से जुड़ा हैं और हिंदी काव्य गोष्ठी में भाग लेते हैं।

“ टीचर डे पर कविता ” ( Teacher Day Kavita ) आपको कैसी लगी ? “ टीचर डे पर कविता ” ( Teacher Day Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

Leave a Reply