नाती पर कविता :- आज मेरा नाती | Naati Par Hindi Kavita

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नाती पर कविता

नाती पर कविता

आज मेरा नाती बना लंगूर,
डाल पे लटके जैसे अंगूर।

इसकी अदा बड़ी है प्यारी,
हृदय में फूल खिलाने वाली।

होठ इसके गुलाब के फूल,
है चेहरे से टपकता नूर।

इसकी ठुमक ठुमक है चाल,
रसगुल्ले से दोनों गाल।

स्माईल है ब्यूटी फूल,
मन को कर देता है कूल।

इसकी हँसी बड़ी है प्यारी
हम जाएँ इसपे वारी।

बहुत मजा है आता,
जब ये मन्द मन्द मुसकाता।

मन मन्त्र मुग्ध हो जाता,
है जादू इसका चल जाता।

दुख हो जाते सब दूर,
है इसका ऐसा सुरूर।

है यही मेरी अभिलाषा,
नानी की भी यही आशा।

ये बने सफल ईंसान,
और बोले प्रेम की भाषा।

सफलता मिले इसे भरपूर,
कभी भी हो ना इसे गुरूर।

रहे ये सब दुर्गुण से दूर,
भगवन कृपा करें भरपूर।

पढ़िए :- चाँद पर छोटी कविता “देख चंद्रमा की सूरत”


विनय कुमार (भूतपूर्व सैनिक )यह कविता हमें भेजी है विनय कुमार (भूतपूर्व सैनिक ) जी ने बैंगलोर से।

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