हमारा देश सभी देशों से अलग है और इसका कारन है यहाँ की एकता, मानवता और सुन्दरता। हिंदुस्तान जहाँ मेहमान को भगवान माना जाता है और सभी लोग आपस में मिल जुल कर रहते हैं। ऐसे ही हिंदुस्तान के चित्र को उतारने की कोशिश की है मैंने अपनी इस ( Hindustan Par Kavita ) हिंदुस्तान पर कविता ” हिंदुस्तान में ” में। आइये पढ़ते हैं कविता :-

हिंदुस्तान पर कविता

हिंदुस्तान पर कविता

दुनिया से आगे देश मेरा है ज्ञान में
गायी जाती है महिमा सारे जहान में,
जो आँख उठाए दुश्मन की औकात कहाँ
सैनिक सरहद पर तैनात हिंदुस्तान में।

लहराए तिरंगा प्यारा जिसकी शान में।
गर्व से सिर ऊँचा हो जिसके सम्मान में।
प्रेम भाव से रहते जहाँ सभी मिलजुलकर
मैं रहता वीरों के देश हिंदुस्तान में।।

आरती में ईश्वर अल्लाह है अज़ान में
एक जैसा उत्साह दिवाली रमज़ान में,
जुदा है मज़हब पर सबके दिल में प्यार है
यही एकता की परिभाषा हिंदुस्तान में।

ईश्वर को देखा जाता है मेहमान में
संस्कृति झलकती हम लोगों के परिधान में,
सभी ऋतुएं और प्रकृति का हर रंग यहाँ
हो जाते स्वर्ग के दर्शन हिंदुस्तान में।

पढ़िए :- सैनिकों पर हिंदी में देशभक्ति कविता “वर्दी वाले भगवान”

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