इस जग में माँ की महिमा अपरम्पार है। जब तक माँ होती तो कई बार उसकी छोटी-छोटी बात हमें बुरी लगती है। लेकिन उसके न होने पर वही बातें हमें याद आती हैं। और किस तरह से बिन माँ के यह जीवन व्यर्थ लगने लगता है जैसे की अब इस जीवन में कुछ शेष न रह गया हो , माँ की ममता के आगे दुनिया की सारी खुशियाँ अधूरी हैं तो आइये उन्हीं भावनाओं को आइये पढ़ते हैं ( Maa Ki Yaad Me Kavita ) ” माँ की याद में कविता ”
Maa Ki Yaad Me Kavita
माँ की याद में कविता
मात बिन सूना है संसार!
माँ की ममता कण कण बसती,
माँ जीवन आधार!
मात बिन सूना है संसार….
सकल चराचर की तुम जननी।
रचा दिया संसार!
ब्रह्मा रूप धरी जगजननी,
सृजन की आधार!
तेरी महिमा कैसे गाऊं,
मैं मतिमंद गँवार!!
मात बिन सूना है संसार!!……….
निज शोणित का क्षीर पिलाकर,
आंचल पट दे डार!
भूखी रहकर हमें पालती,
बरसे नैनन प्यार!
रातों में गीले में सोती,
करती बहुत सँभार!!
मात बिन सूना है संसार!!…….
हम थे नटखट,करते ऊधम,
और मचाते रार!
पास बुलाकर लाड लडाती,
करती बहुत दुलार!
केश सँवारे कंघी लेकर,
गालों पर पुचकार!
मात बिन सूना है संसार!!……
तुम मूरत हो जगदंबे की,
समझा मैनें सार!
बिन तेरे संकटमय जीवन,
मानव है लाचार!
‘भावुक’ याद करे है माँ को,
छोड़ गई मझधार!
मात बिन सूना है संसार!!……
पढ़िए :- माँ पर कुछ पंक्तियाँ “एक तुम्हारा होना माँ”
परिचयः
नाम – भवानी सिंह राठौड़
पिताजी – स्व. श्री रघुनाथसिंह मेड़तिया
माताजी – स्व. श्रीमती सज्जनकंवर शेखावत
जन्म – 15/01/1969
लेखन – हिन्दी,राजस्थानी
प्रकाशित पुस्तकें – १.बिणजारा री बेलड़ी(राजस्थानी काव्य संग्रह)2018
साझा प्रकाशित – २.श्रीकृष्णामृत(हिन्दी सवेया शतक)2019
सम्प्रति – मु.पो.टापरवाड़ा
तहसी – परबतसर
जिला.नागौर
(राजस्थान)
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अत्यंत भाउक रचना