आप पढ़ रहे हैं माँ पर कविता हिंदी में “माँ होती है जिसके पास” :-

माँ पर कविता हिंदी में

माँ पर कविता हिंदी में

मां होती हैं जिसके पास
वह होता है सबसे अमीर।
बिन मां के सिकन्दर भी
होता है सबसे बड़ा फकीर।।

मां सुत की रक्षा करती हैं
दुखद क्षणों में बन जाती ढाल।
लाड प्यार से उसे पालती
कहे सबसे प्यारा मेरा लाल।।

बेटे का वह भरके पेट
स्वयं भूखी सो जाती हैं।
मेरा बेटा बनेगा महान
इन्हीं सपनो में खो जाती हैं।।

बड़े स्नेह से सुबह जगाती
अपना रख के हाथ आशीष का।
सुनना सबकी करना मन की
संदेश देती अनमोल सीख का।।

ऊंगली पकड़ के मुझको वह
सिखाती जीवन राह में चलना।
जब जब मै गिर जाता हूं
प्रदान करती गोद का पलना।।

मां जब भी होती हैं निराश
मुझे हंसता देख मुस्काती है।
मै कूट कूट कर जब रोता हूं
वह अति विचलित हो जाती है।।

मां एक फरिश्ता है धरा पर
निहित हैं जिसमें निस्वार्थ भाव।
सर्दी में वह बन जाती है धूप
गर्मी में बन जाती शीतल छांव।।

मां के मजबूत संकल्पो पर
झुकना पड़ता हैं भगवान को।
हरा भरा करना पड़ता हैं
वीरान से बंजर रेगिस्तान को।।

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नमस्कार प्रिय मित्रों,

सूरज कुरैचया

मेरा नाम सूरज कुरैचया है और मैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सिंहपुरा गांव का रहने वाला एक छोटा सा कवि हूँ। बचपन से ही मुझे कविताएं लिखने का शौक है तथा मैं अपनी सकारात्मक सोच के माध्यम से अपने देश और समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जिससे समाज में मेरी कविताओं के माध्यम से मेरे शब्दों के माध्यम से बदलाव आए।

क्योंकि मेरा मानना है आज तक दुनिया में जितने भी बदलाव आए हैं वह अच्छी सोच तथा विचारों के माध्यम से ही आए हैं अगर हमें कुछ बदलना है तो हमें अपने विचारों को अपने शब्दों को जरूर बदलना होगा तभी हम दुनिया में हो सब कुछ बदल सकते हैं जो बदलना चाहते हैं।

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