Madhumas Aur Teri Yaad Kavita आप पढ़ रहे हैं मधुमास और तेरी याद हिंदी कविता :-
मधुमास और तेरी याद
आ गया मधुमास फिर से, साथ में तेरा प्यार लेकर।
पायलों से फूल खनके, हर डाल में झंकार लेकर।
चहकी है फिर से चिरैया, महकी सरसों क्यारियाँ हैं।
आरती ले हाथ में मैं, चौखट खड़ा सत्कार लेकर।
मैं ऋणी हर रात का, हर दिन के आठों यामों का हूँ।
लौट आओ पास मेरे, मधुमास का आभार लेकर।
फिर खुशी से खिलखिलाने, वो दिन पुराने गुनगुनाने,
मधुमास आया द्वार पर है, अनगिनत उपहार लेकर।
कौन दोषी,कौन नहीं था , इन गुत्थियों में न उलझकर,
आ करें शुरुवात फिर से,इस प्रेम का विस्तार लेकर।
मधुमास की पावन बहारें, हाथ तेरा थाम लूँ मैं।
चल चलें हम साथ दोनों, इस जिंदगी का सार लेकर।
करूँ प्रकाशित उन क्षणों को, गीत में जो बाँधे डाले।
ले चलूँगा तुझको मैं संग, चाँद के भी पार लेकर।
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रचनाकार का परिचय
मेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।
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