Mango Poem In Hindi – आप पढ़ रहे हैं रामबृक्ष कुमार जी द्वारा रचित ” आम पर कविता ” :-

Mango Poem In Hindi
आम पर कविता

आम पर कविता

कहा आम तरबूजे से
सुन लो मेरी बात
फलों का राजा आम मैं
तेरी क्या औकात

गांव शहर घर-घर में मेरी
सबमें है पहचान
बड़े शान से बच्चे बूढ़े
करते खूब बखान

अमृतफल फलश्रेष्ट अंब
आम्र अनेकों नाम
लंगड़ा चौसा दशेहरी
रूपों से संनाम

स्वादों में अनमोल मैं
मिलता बरहो मास
शादी लगन बरात में
रहता हूं खुब खास

कच्चा पक्का हूं उपयोगी
सिरका बने आचार
लू लगने पर मुझसे होता
गर्मी में उपचार। 

सुनते सुनते खरबूजे ने
जोड़े दोनों हाथ
तुम्ही बड़े हो मैं छोटा हूं
आओ बैठो साथ

एक बात मेरी भी सुन लो
मैं भी फलों में खास
चलते रस्ते में राही का
मैं बुझाता प्यास

कुदरत का भी खेल निराला
उगता हूं मैं रेत
प्यासे की तो प्यास बुझाता
भर भी देता पेट

सबका अपना गुण है भाई
सबका अपना काम
नहीं किसी से कोई कम है
सबका है सम्मान। 

पढ़िए :- वर्षा पर कविता “आसमान पर बादल आए”


रचनाकार का परिचय

रामबृक्ष कुमार

यह कविता हमें भेजी है रामबृक्ष कुमार जी ने अम्बेडकर नगर से।

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