आप पढ़ रहें हैं आदरणीया मधु जी द्वारा रचित ( Roti Poem In Hindi ) हिंदी कविता – रोटी :-

हिंदी कविता – रोटी

हिंदी कविता - रोटी

ऐसा मन्ज़र हम
अक्सर देखते हैं ..
जब कभी निकलते हैं
बाहर घूमने और
किसी क्रासिंग पर रूकते हैं।

छोटे-नन्हे बच्चे
चले आते हैं गुब्बारे लिए …
गाडिय़ों के शीशे से मुँह चिपका
आंखो में उम्मीद लिए …
‘रंग-बिरंगे गुब्बारे
खुशियों के फुहारे।

एक गुब्बारा ले लो ना मैडम…
बच्चे खेलेंगे तुम्हारे
खुद खेलने की उम्र में …
खुद के ही सपने बेचते …
एक गाडी से दूसरी गाड़ी दौडते
वो बच्चे जरा भी नहीं थकते।

उनके गुब्बारों में हवा नही
उम्मीद भरी होती है…..
हर एक गुब्बारे के साथ
एक रोटी जुड़ी होती है!!


मधु नेवटियायह कविता हमें भेजी है मधु जी ने। मधु जी परास्नातक हैं और लिखना इन का शौक है।

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