समय कभी किसी रुके हुए इंसान का नहीं हुआ है। जो समय के साथ चला है वो इस संसार में अपनी एक अलग पहचान बना लेता है। और क्या करता है समय आइये पढ़ते हैं ( Samay Par Kavita ) समय पर कविता में :-
समय पर कविता
समय आएगा, समय बीत जाएगा
किंतु सत्य यह है ये यूँ ही अटल रहेगा.
हम जीते रहेंगे यूँ ही मरते रहेंगे
जीवनचक्र हमारा ऐसे ही चलता रहेगा।
बदल जाना तुम समय के साथ
वरना समय न जाने तुमको कब बदल देगा,
मौत सिर्फ आत्मा को करती जुदा
समय न जाने जिंदगी में कितने पड़ाव लाएगा।
कर्म करते रहना, धर्म का दामन धाम
एक दूजे के बिना धर्म-कर्म कुछ काम न आएगा,
चले जायेंगे एक दिन दुनिया से
बस हमारे साथ हमारा नाम ही जायेगा।
पढ़िए :- उत्साह बढ़ाने वाली कविता “समय बहुत ही सीमित है”
यह कविता हमें भेजी है सारिका अग्रवाल जी ने जो कि बिरतामोड, नेपाल में रहती हैं।
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