कैसे बारिश के मौसम में जब बादल की काली घटा छाती है और गर्मी से राहत मिलती है आइये जानते हैं वर्षा पर कविता में :-
वर्षा पर कविता
आसमान पर बादल आए!
काले-काले बादल छाए!
लगते कितने खुब निराले!
देखो आसमान पर बादल काले!!
छम -छम नाच दिखाने आए!
बादल हमको भिगाने आए!!
खूब नाचते,इतराते आए!
झम झम बारिस बरसाते आए!!
ढ़ोल नंगाढ़ा बजाते आए!
चम-चम बिजली गाते आए!!
झन-झन झिंगुर मचाए सोर !
झुम-झुम के नाचे मोर !
हम घर से पकौड़ी खाके आए!
चाय की चुस्की पी के आए!
बारिश में फिर आ जाओ मोनू!
तुम भी नाच दिखाओ सोनू!
नाचे कूदे धूम मचाए!
बारिश में फिर चलो नहाए!!
खेले-कूदे ,नाचे मिलकर गाए!
घोर-घोर रानी गीत गुनगुनाए!
पढ़िए :- बारिश पर कविता “सुन वर्षा रानी”
यह कविता हमें भेजी है बिसेन कुमार यादव जी ने गाँव-दोन्देकला, रायपुर, छत्तीसगढ़ से।
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