विश्व गौरैया दिवस पर कविता | Gauraiya Diwas Par Kavita
आप पढ़ रहे हैं विश्व गौरैया दिवस पर कविता :-
विश्व गौरैया दिवस पर कविता
मेरे घर में घोंसला बनाओगी
गौरैया तुम जरूर ही आओगी,
हम देगे तुमको संरक्षण
तुम विलुप्त न हो पाओगी,
गौरैया तुम जरूर ही आओगी।
घर घर भ्रमण को मत जाना
मेरे घर में ही तुम आना,
घर में रखी जल भरी बाल्टी
तुम आकर प्यास बुझाओगी,
गौरैया तुम जरूर ही आओगी।
चावल बाजरा हमने राखे
हो न जाये तुम्हारे फॉके,
फुदक फुदक तुम नाचोगी
मेरे घर आकर के खाओगी,
गौरैया तुम जरूर ही आओगी।
शत्रु कीट को तुम हो खाती
फसलों को तुम उनसे बचाती,
आकर अपना परचम लहराओगी
गौरैया तुम जरूर ही आओगी,
मेरे घर में घोंसला बनाओगी।
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रचनाकार का परिचय
यह कविता हमें भेजी है तेजेन्द्र कुमार वशिष्ठ तपन जी ने ग्राम व पोस्ट ननाखेडा, जनपद बदायूं, उत्तर प्रदेश से।
उनकी रचनाओं के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है जिनमे अमृता प्रीतम स्मृति कवयित्री सम्मान, बागेश्वरी साहित्य सम्मान, सुमित्रानंदन पंत स्मृति सम्मान सहित कई अन्य पुरुस्कार भी हैं।
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