विजात छंद में लिखी हुयी माँ की महिमा का गान करती हरीश चमोली जी की ( Hindi Poem On Mothers Day Poem ) मातृ दिवस पर हिंदी कविता ” मखमली गोद तेरी माँ ”

मातृ दिवस पर हिंदी कविता

मातृ दिवस पर हिंदी कविता

नयन में प्रेम ज्योति जला।
हृदय अमृत प्रवाह मिला।
महक जाते महल माँ से।
अमूल्य बनी तुम जहाँ से।

जगत में हो,अनुप छाया।
खुदा की,अप्रतिम काया।
लगाती हो मुझे टीका।
खिलाती हो कभी मीठा।

निखरता रंग है माँ से।
बदन का ढंग है माँ से।
सुनहरी धूप मेरी माँ।
मखमली गोद तेरी माँ।

महकता हूँ तुम्ही से माँ।
तुझे देकर खुशी से माँ।
सुबह-श्याम तुम हो माँ।
जग घनश्याम तुम हो माँ।

निवाला दे खिलाती माँ।
कभी मेला दिखाती माँ।
बचा पैसे छिपाती माँ।
मुझे खेला खिलाती माँ।

खुदा की नेक मूरत माँ।
खुदा की एक सूरत माँ।
अकेली तुम,विलख रोती।
उदासी में, नयन धोती।

चिराग बन अँधियारा हर।
सुखमय अब उजियारा कर।
सरल सहज लगती है माँ।
कभी रात जगती है माँ।

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हरीश चमोली

मेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

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