Hindustan Par Kavita – आप पढ़ रहे हैं हिंदुस्तान पर कविता :-

Hindustan Par Kavita
हिंदुस्तान पर कविता

Hindustan Par Kavita

ये है मेरा हिंदुस्तान, दुनिया में है सबसे महान।
यहां सभी धर्मो का, होता है पूरा सम्मान।

विविधता में एकता, इसकी है विशेषता।
संप्रभुता संपन्न है संविधान, नही है कोई विवशता।

दक्षिण में हिंद महासागर, उत्तर में खड़ा हिमालय।
प्रायद्वीप है इसका आकार, सबको मिलता है यहां आलय।

कल-कल करती नदियां, जिसका गाती यशोगान।
वीरों की है यह खान, यह है मेरा हिंदुस्तान।

दान परोपकार सहयोग, की है इसकी संस्कृति।
रोम मिश्र यूनान मिट गए सारे,नही मिटी पाए इसकी संस्कृति।

योग आयुर्वेदिक अध्यात्म, का दिया सबको ज्ञान।
शून्य का ज्ञान कराया सबको, यह है मेरा हिंदुस्तान।

गांवों का है देश, ताकत है किसान और जवान।
मातृभूमि के खातिर, दोनों ही देते है जान।

हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है।
हर युवा हनुमान है, देशवासियों को गुमान है।

ईश्वर अल्लाह वाहेगुरु यीशु, यहां डाले है डेरा।
नहीं मिटा सकते इसकी हस्ती,यह है हिंदुस्तान मेरा।

विवेकानंद महावीर स्वामी महर्षि दाधीच, ये है हमारी थाती,
इनकी गौरव गाथा से फूल जाती है हमारी छाती।

लोकतंत्र है इसकी ताकत, सबसे बड़ा है संविधान।
युवा शक्ति है इसकी शान, यह है मेरा हिंदुस्तान।

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रचनाकार का परिचय

हंसराज "हंस"

हंसराज “हंस” जी गत 30 वर्षो से अध्यापन का कार्य करवा रहे है। शिक्षा मे नवाचारों के पक्षधर है। “हैप्पी बर्थडे” “गांव का अखबार” इनके शैक्षिक नवाचार है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संदर्भ व्यक्ति ( रिसोर्स पर्सन ) के रूप में 8-10 वर्षों का अनुभव रखते है। तात्कालिक मुद्दों, जयंतियों व सामाजिक कुरीतियों पर आलेख लिखते रहते। मौलिक लेख विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व देश व प्रदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई वेबीनारो व फेसबुक लाइव प्रसारण पर विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने मौलिक विचारों का प्रकटीकरण करते रहते है। शिक्षक संगठन व सामाजिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए निरंतर सामाजिक सुधारों की ओर अग्रसर है।

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