आपपढ़ रहे हैं उपहार पर कविता :-

उपहार पर कविता

क्रिसमस पर कविता

जीवन में आती है बहार,
मिले जब कोई उपहार।

जीवन संघर्ष का है पर्याय,
इसे सहज बनाते है उपहार।

मंगल कामना के साथ,
मंगल कार्यों में मिलते है उपहार।

याद दिलाते हर एक लम्हा,
सम्मुख होता है इजहार।

भारतीय संस्कृति की है पहचान,
भेंट उपहार देते हैं सम्मान।

हर एक इंसान का,
जाग जाता है ईमान।

मानव धर्म भी यही कहता,
क्षमतानूसार करो परोपकार।

आपका भी मन खुश रहेगा,
दूसरा भी खुशी से होगा सरोबार।

उपहार होते हैं अमूल्य,
इनका जीने में है बड़ा हाथ।

समय पर दिए गए उपहार,
भूलने नहीं देते साथ।

इनसे बनते हैं रिश्ते,
प्रगाढ़ व अटूट।

रिश्तो में मिठास व प्रेम बढ़ता,
कभी उनमें नही होने देते है टूट।

जिंदगी में आते हैं कई ऐसे मौके,
जो सबक ही नहीं सिखाते।
देते हैं कई कड़े अनुभव।

अनुभवों को सहजते है,
संवारते है उपहार।

धीरे-धीरे रिश्ते नातों से,
बढ़ता जाता है परिवार।


“रचनाकार का परिचय

हंसराज "हंस"
हंसराज “हंस” जी गत 30 वर्षो से अध्यापन का कार्य करवा रहे है। शिक्षा मे नवाचारों के पक्षधर है। “हैप्पी बर्थडे” “गांव का अखबार” इनके शैक्षिक नवाचार है। शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संदर्भ व्यक्ति (रिसोर्स पर्सन) के रूप में 8-10 वर्षों का अनुभव रखते है। तात्कालिक मुद्दों, जयंतियों व सामाजिक कुरीतियों पर आलेख लिखते रहते। मौलिक लेख विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व देश व प्रदेश की पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। इसके साथ ही न्यूज पोर्टल व सोशल मीडिया के माध्यम से भी कई वेबीनारो व फेसबुक लाइव प्रसारण पर विभिन्न मंचों के माध्यम से अपने मौलिक विचारों का प्रकटीकरण करते रहते है। शिक्षक संगठन व सामाजिक संगठनों में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह करते हुए निरंतर सामाजिक सुधारों की ओर अग्रसर है।

“ उपहार पर कविता ” ( Uphaar Par Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

यदि आप भी रखते हैं लिखने का हुनर और चाहते हैं कि आपकी रचनाएँ हमारे ब्लॉग के जरिये लोगों तक पहुंचे तो लिख भेजिए अपनी रचनाएँ hindipyala@gmail.com पर या फिर हमारे व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 पर।

हम करेंगे आपकी प्रतिभाओं का सम्मान और देंगे आपको एक नया मंच।

धन्यवाद।

Leave a Reply