आप पढ़ रहे हैं ( Balika Diwas Par Kavita ) बालिका दिवस पर कविता ” लो आज फिर आया ” :-
बालिका दिवस पर कविता
लो आज फिर आया, विश्व बालिका दिवस।
इसकी शुरुआत सन, 2012 से हुई हर वर्ष।
बालिकाओं को जीवन जीने में, न आए बाधा।
करे अपना पूर्ण विकास, यूनिसेफ ने यह संकल्प साधा।
आज हो गई बेटियां, एक कदम बेटों से आगे।
अब हर काम करती है बेटियां,खतरे से कभी न भागे।
जल थल नभ में, कर रही है अपना नाम।
देने दो अपने सपनों को उड़ान,मत खींचो उनकी लगाम।
उनमें कम नही है, हौंसला व ताकत।
बस चाहिए उनको, सभी से हिम्मत।
पर अभी भी भेदभाव, घरेलू हिंसा का होती है शिकार।
कभी भी पराईअमानत समझकर, मत समझो बेकार।
अमानत नहीं वह हमारा, अभिमान है।
उनकी उन्नति, विकास पर हमें गुमान है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।
शिक्षा से उनमें, आत्मविश्वास भी बढ़ाओ।
हर समस्या, चुनौती को ललकार सके।
भर दो ऐसा आत्मबल, अपने अधिकारों को मांग सके।
उनकी खिलखिलाहट मे ही है, सबकी खुशी।
आधी आबादी खुश रहेगी, तो चंहू ओर होगी खुशी।
पढ़िए :- बेटी पर हिंदी कविता | बिटिया रानी
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